कमर दर्द का आयुर्वेदिक उपचार ( Back pain ayurvedic treatment)
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आज हम आपको कमर दर्द के सालों पुराने आयुर्वेदिक उपचार के बारें में बताने जा रहें हैं ।
रात में 60 ग्राम गेहूं के दाने पानी में भिगो दें । सुबह इन भीगे हुए गेहूं के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिया की मीगी मिलाकर बारीक पीस लें । इस चटनी को दूध में पका लें और खीर बना लें । इस खीर को आवश्यकतानुसार सप्ताह- दो सप्ताह खाने से कमर दर्द का नाश हो कर ताकत मिलती है । इस से पाचनशकति की कमजोरी भी मिटती है । केवल खसखस और मिश्री- दोनों बराबर मात्रा में ले कर कूट पीसकर चूर्ण बना ले और इसे 6 ग्राम प्रति दिन सुबह शाम खाने और ऊपर से गर्म दूध पीने से भी कमर दर्द ठीक होता है ।
अन्य उपचार: कमर दर्द में तारपीन के तेल की मालिश बहुत लाभदायक है ।
चावल , उड़द की दाल, मैदे आदि की बनीं हुई और तली हुई चीजों से परहेज रखें ।
पानी गर्म करके पिएँ । यदि ठंडा पानी पीना हो तो उबलते हुए पानी में चार पत्ते तुलसी अथवा एक बड़ी इलायची या दो छोटी इलायची पीसकर डाल दें । फिर सुबह का उबला हुआ पानी शाम तक पिएँ । और शाम का सुबह तक। सुबह उठते ही शौच जाने से पहले चाय नही पिएँ बल्कि गुनगुने पानी में शहद या ग्लुकोज मिला कर पिएँ ।
कमर दर्द, घुटने के दर्द और गठिया में नित्य प्रात खाली पेट तीन चार अखरोट की गिरिया को अच्छी तरह चबा कर खाने से बहुत ही लाभ होता है..
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