फलों का सेवन कब और कैसे करें🍎🍆🍓🍍



🍓फलों का सेवन कब और कैसे किया जाये तथा सेवन करते समय किन किन बातों का ध्यान रखें जानिए 

🍃● जिस मौसम में जो फल उत्पन्न होते हैं और बाजार में बहुत मात्रा में उपलब्ध होते हैं, उस समय वही फल खाने चाहिए, क्योंकि प्रकृति के अनुरूप ही उस मौसम में फल उगते हैं।

🍃● रोगी को दिनभर में तीन बार फल देना उचित होता है, सुबह, दोपहर और शाम के समय।

🍃● एक समय में एक ही प्रकार के फल का सेवन करना चाहिए। फलों को अकेले ही खायें, तभी इनसे पूरा लाभ उठा सकते हैं। अनेक फलों को मिलाकर बनाई गई चाट स्वाद के लिए है, स्वास्थ्य लाभ के लिए नहीं।

🍃● अमरूद, नाशपाती, सेब आदि फल छिलके सहित खायें।

🌷नारंगी या सन्तरा ठण्डा, तन और मन को प्रसन्नता देने वाला है। उपवास और सभी रोगों में नारंगी दी जा सकती है। जिनकी पाचन-शक्ति खराब हो, उनको नारंगी का रस तीन गुने पानी में मिलाकर देना चाहिए।

🌷नारंगी प्रातः
🌻 भूखे पेट या खाना खाने के पाँच घण्टे बाद सेवन करने से सर्वाधिक लाभप्रद है। एक व्यक्ति को एक बार में एक या दो नारंगी लेना पर्याप्त है। नारंगी में विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। एक व्यक्ति को जितने विटामिन ‘सी’ की आवश्यकता होती है वह एक नारंगी प्रतिदिन खाते रहने से पूर्ति हो जाती है। इसे खाते रहने से संक्रामक रोगों से बचाव होता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। उपवास में नारंगी खाने व रस पीने से बहुत लाभ होता है।

🌷नेत्र-ज्योतिवर्धक – 
🌷एक गिलास नारंगी के रस में स्वादानुसार जरा-सी कालीमिर्च और सेंधा नमक मिलाकर प्रतिदिन पीने से नेत्र-ज्योति बढ़ती है। होम्योपैथिक डॉ. ई.पी. एन्शूज ने नारंगी को अनेक रोगों में उपयोगी बताया है। गठिया, आमाशय, यकृत, पीलिया, ऑतों की सफाई, हृदय और दाँतों के रोग, मानसिक थकावट, खुश्की, सुस्ती, प्यास अधिक लगना, चेहरे पर फुंसियाँ होना आदि विकारों को दूर करने के लिए लम्बे समय तक नित्य नारंगी खायें या रस पियें। स्वाद बढ़ाने हेतु चीनी, मिश्री या सोंठ डाल सकते हैं।

🌹चेचक के दाग – 
🌷नारंगी के छिलके सुखाकर पीस लें। इसके पाउडर में चार चम्मच गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाकर नित्य चेहरे पर मलें। चेचक के दाग हल्के पड़ जायेंगे।

💐फ्लू –
🌺 संसार के कुछ भागों में विश्वास है कि जब फ्लू (इन्फ्लूएंजा) हो रहा हो या महामारी के रूप में फैल रहा हो तो नारंगी खाकर इससे बचा जा सकता है, फ्लू होने पर भी यह लाभदायक है। इन्फ्लूएंजा होने पर केवल नारंगी ही खाते रहें, गर्म पानी पियें, फ्लू ठीक हो जायेगा।

💐ज्वर –
🌺 नारंगी में सिट्रिक होता है जो ज्वर के कीटाणुओं को मारता है। इसके सेवन से तेज ज्वर में तापमान घट जाता है। पानी के स्थान पर नारंगी का रस ही बार-बार पिलायें।

🌺गुर्दे (Kidney) के रोग –
🍁 प्रातः नाश्ते से पहले 1-2 नारंगी खाकर गर्म पानी पीने या नारंगी का रस पीने से गुर्दे के रोग ठीक हो जाते हैं। गुर्दे के रोगों से बचाव होता है। नारंगी गुर्दो को स्वच्छ रखने में उपयोगी है। सेब और अंगूर भी समान लाभ पहुँचाते हैं। गुर्दो को स्वस्थ रखने के लिए प्रातः भूखे पेट फलों का रस उपयोगी है। सर्दी, खाँसी होने पर गर्मी में ठण्डे पानी के साथ और सर्दी में गर्म पानी से नारंगी का रस पीने से लाभ होता है।


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